थोड़ा कुछ खाने के बाद मैं घर से निकल आया था, माँ से पहले मेरे आँखों में पानी आ गया था थोड़ा कुछ खाने के बाद मैं घर से निकल आया था, माँ से पहले मेरे आँखों में ...
मैंने देखा था जब वो रोटी छिपा के लाती थी मुश्किल और गरीबी में भी मुझे भर पेट खिलाती थी मैंने देखा था जब वो रोटी छिपा के लाती थी मुश्किल और गरीबी में भी मुझे भर पेट ...
अम्मा तेरा आंचल कितनी ही कहानी कहती है कुछ भूल गया हूं कुछ कुछ याद है वह पल। अम्मा तेरा आंचल कितनी ही कहानी कहती है कुछ भूल गया हूं कुछ कुछ याद है...
उस दिन जब दुनिया ने मिलकर प्रेम-पर्व मनाया था , नफ़रत ने भी पुलवामा पर मायाजाल फैलाया उस दिन जब दुनिया ने मिलकर प्रेम-पर्व मनाया था , नफ़रत ने भी पुलवामा पर म...
मेरी माँ मेरी ओढ़नी दुनिया में सबसे न्यारी, मेरी जरूरतें पूरी होती सारी इससे बड़ी मेरी माँ मेरी ओढ़नी दुनिया में सबसे न्यारी, मेरी जरूरतें पूरी होती सारी ...
माँ बनकर शायद हो जाता है मन माँ का डरपोक, संतान को लेकर बढ़ जाती उसके मन मे सोच। डरन माँ बनकर शायद हो जाता है मन माँ का डरपोक, संतान को लेकर बढ़ जाती उसके मन...